मां और सास
मां और सास में अंतर कुछ नहीं
रोते हुए संसार में आई, तब मां ने गोद में उठाया.!
रोते हुए ससुराल गई, तब सास ने गले से लगाया.!
मां ने जीवन दिया तो...
सास ने जीवन-साथी दिया..!
मां ने चलना-बैठना सिखाया तो...
सास ने समाज में उठना-बैठना सिखाया.!
मां ने घर के काम सिखाए तो...
सास ने घर चलाना सिखाया.!
मां ने कोमल कली की तरह संभाला तो...
सास ने विशाल वृक्ष जैसा बनाया.!
मां ने सुख में जीना सिखलाया तो...
सास ने दुख में भी जीना सिखलाया.!
मां.. ईश्वर के समान है तो...
सास.. गुरु के समान है..।
🙏 नमन दोनों मां को🙏