Hindi shayari
*घबराने से मसले, हल नहीं होते.*
*जो आज है, वो कल नहीं होते.*
*ध्यान रखो, इस बात का ज़रूर,*
*कीचड़ में सब, कमल नहीं होते.*
*नफ़ा पहुँचाते हैं, जो जिस्म को,*
*मीठे अक्सर, वो फल नहीं होते.*
*जुगाड़, करना पड़ता है हमेशा,*
*रस्ते तो कभी, सरल नहीं होते.*
*दर्द की सर्द हवा से, बनते हैं जो,*
*वो ठोस कभी, तरल नहीं होते.*
*नफ़रत की खाद से, जो पेड़ पनपते हैं,*
*मीठे उनके कभी, फल नहीं होते.*
*जो आपको, आपसे ज्यादा समझे,*
*ऐसे लोग, दरअसल नहीं होते.*
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